अनिल कपूर-श्रीदेवी की को-स्टार, फिल्म में मिले सिर्फ 3 शब्द, पहले हुआ मलाल, फिर उसी ने दिलाई पहचान

 अनिल कपूर-श्रीदेवी ने वैसे तो कई फिल्मों में साथ काम किया हैं, लेकिन उनकी कुछ फिल्में ऐसी हैं, जिनको देखना लोग आज भी काफी पसंद करते हैं. 'मिस्टर इंडिया', 'लाडला', 'लम्हें', 'रूप की रानी, चोरों का राजा', 'मिस्टर बेचारे', 'कर्मा', 'रान अवतार' और 'सोने पर सुहागा', जैसे कई बेहतरीन फिल्मों में रीयल देवर-भाभी की जोड़ी, लीड रोल में नजर आ चुकी हैं. अनिल कपूर-श्रीदेवी की एक फिल्म साव 1997 में रिलीज हुई एक मेलो ड्रामा फिल्म जिसमें उनके साथ एक-दो नहीं 16 अन्य कलाकारों ने भी काम किया. लो बजट में बनीं इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया था.

2 घंटे 47 सेकेंड की इस फिल्म को अनिल कपूर और बोनी कपूर के पापा निर्माता सुरेंद्र कपूर ने प्रोड्यूज किया था और फिल्म को डायरेक्ट किया था डायरेक्टर राज कवंर ने. करीब 18 कलाकारों के बीच फिल्म में एक एक्ट्रेस ऐसी थी, जिसको पूरी फिल्म में सिर्फ 3 शब्द बोलने को मिले थे. पहले मन में इन तीन शब्दों को लेकर शंका था, लेकिन फिर सिर्फ इन्हीं 3 शब्दों से उन्हें पहचान मिल गईं.

बात कर रहे हैं साल 1997 में रिलीज हुई फिल्म 'जुदाई' की. 'जुदाई' साल 1997 की सुपरहिट फिल्म हैं. इस फिल्म में 'कप्पू की बुआ' यानी उपासना सिंह भी नजर आई थीं. उपासना सिंह टीवी औक सिनेमा का जाना-माना नाम है, लेकिन इस फिल्म में बिना कोई जबरदस्त डायलॉग बोले ही, उन्हें जबरदस्त सफलता मिली थी. लोग उन्हें उनके नाम से भले भूल जाए, लेकिन उनके तीन शब्दों से उन्हें याद रखते है वो तीन शब्द हैं- 'अब्बा डब्बा जब्बा.'

अनिल कपूर, श्रीदेवी और उर्मिला मातोंडकर स्टारर फिल्म 'जुदाई' में उपासना ने, परेश रावल की बेटी का किरदार निभाया था, जिसे बाद में जॉनी लीवर के किरदार से प्यार हो जाता है. उपासना इन किरदार में गूंगी बहरी वाले रोल में दिखाई दी थी, जो सिर्फ 3 रैंडम शब्द कह पाती थी- 'अब्बा जब्बा डब्बा'. फिल्म में उपासना ने इस एक डायलॉग को इतनी तरह से, इतने अलग-अलग एक्सप्रेशन के साथ बोला कि ऑडियंस उनकी फैन हो गई.

हाल ही में टीओआई से बात में उन्होंने इस फिल्म और इस रोल को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि मैंने रोल के लिए हां, तो कब दिया था, लेकिन बोलने के लिए सिर्फ 3 शब्द थे. उपासना ने कहा है कि उन्हें नहीं लगा था कि ये आईडिया चल पाएगा. उन्होंने कहा, 'मुझे अब्बा-डब्बा-जब्बा वाली लाइन बताई तो मैं बिल्कुल भी कन्विंस नहीं थी कि एक गूंगी-बहरी लड़की बस ये तीन शब्द बोल सकती है. उन्होंने मुझे ये ट्राई करने के लिए कहा. मैंने खुद से कहा कि मैं इस किरदार को खूब अलग-अलग एक्सप्रेशंस और आवाज में निभाऊंगी. मैं हमेशा अपने किरदारों के साथ एक्स्परिमेंट करती हूं.'

उपासना ने बताया कि उन्हें फिल्म का ये प्लॉट भी अजीब लगा था कि एक पत्नी अपने पति को बेच देती है. हालांकि, तब उन्होंने इस बारे में मेकर्स को कुछ नहीं कहा. उपासना ने बताया, 'मैं हैरान हो रही थी कि लोग ये पचाएंगे कैसे. मगर ये इतनी बड़ी हिट हुई कि लोग मुझे मेरे नाम की बजाय 'अब्बा जब्बा डब्बा' से पहचानने लगे. मैंने कितने ही लाइव शोज किए हैं जहां लोगों ने मुझसे स्टेज पर ये डायलॉग बोलने की डिमांड की.'

फिल्म की बात करें तो फिल्म रिलीज हुई तो लोगों को फिल्म के गानों के साथ फिल्म की कहानी भी काफी पसंद आई थी. फिल्म 1997 में कमाई के मामले में 9वें नंबर पर थी. फिल्म के म्यूजिक एल्बम ने कमाल किया था. फिल्म के बजट और कलेक्शन की बात करें तो फिल्म 6.30 करोड़ में तैयार हुई थी, फिल्म ने भार में 18 करोड़ से ज्यादा और ग्लोबली 28.77 करोड़ का कारोबार किया था.

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