जब सायरा से शादी के बाद 'गुनाह' कर बैठे थे दिलीप कुमार, कहा था- हम गुमनामी के अंधेरे में चले गए थे

 हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के आइकॉनिक दिवंगत एक्टर दिलीप और वाइफ सायरा बानो संग उनकी लव स्टोरी से हर कोई वाकिफ है। फिर भी! क्या आपने उनकी दूसरी बीवी असमा रहमान के बारे में सुना है? आइये आपको दिलीप और सायरा की ताउम्र याद रखने वाली लव स्टोरी और दिलीप की उस एक गलती के बारे में जानते हैं, जो उन्होंने सायरा संग शादी में रहते हुए की थी।

Dilip Kumar भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी तमाम यादें जहन में छप हुई हैं। उन्होंने 7 जुलाई 2021 को आखिरी सांस ली थी। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में उनकी जानदार एक्टिंग और स्टाइल का हर कोई कायल रहा है और आज भी उनके अंदाज को कई एक्टर्स फॉलो करते हैं। शानदार फिल्मों के अलावा दिलीप कुमार की पर्सनल लाइफ भी चर्चा में रही।

दिलीप कुमार ने साल 1944 में अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत 1944 में की थी, जबकि उनकी पत्नी Saira Banu का जन्म इसी साल हुआ था। सायरा, दिलीप कुमार की जबरदस्त फैन थीं और उनकी फिल्में देखकर बड़ी हुई थीं। आइये सायरा और दिलीप कुमार की प्रेम कहानी पर एक नजर डालें और दिलीप ने अपनी शादी में क्या गलती की थी, ये भी जानते हैं।

दिलीप कुमार और सायरा बानो की प्रेम कहानी सामने आने से दशकों पहले यूसुफ खान, जिन्हें बाद में आइकॉनिक दिलीप कुमार के नाम से जाना गया, पहले से ही बॉलीवुड में एक उभरता हुआ सितारा थे। 1944 में 'ज्वार भाटा' फिल्म से डेब्यू करने वाले दिलीप कुमार ने 'आन', 'दाग' और 'देवदास' जैसी फिल्मों में दमदार एक्टिंग की और करियर में तेजी से आगे बढ़े। जब उनकी राहें सायरा बानो से मिलीं, तब वो इंडस्ट्री में नाम कमा चुके थे।

सायरा अपने 'हीरो' दिलीप कुमार से मिलने का सपना देख रही थीं। 1960 में 'मुगल-ए-आजम' के प्रीमियर पर 16 साल की सायरा अपने पसंदीदा एक्टर की झलक पाने के लिए बेताब थीं, लेकिन उनका दिल तब टूट गया, जब दिलीप प्रीमियर में शामिल नहीं हुए। लेकिन तब वो नहीं जानती थीं कि नियति ने उनके लिए इससे कुछ बड़ा प्लान किया है। कुछ साल बाद दोनों की मुलाकात हुई। तब जाकर सायरा का सपना पूरा हुआ था।

एक इंटरव्यू में सायरा ने कहा था, 'जब वो मुझे देखकर मुस्कुराए और बोले कि मैं सुंदर लड़की हूं तो मैं महसूस कर सकती थी कि मैं खुशी के मारे उड़ रही थी। मैं अपने अंदर कहीं गहराई से जानती थी कि मैं उनकी वाइफ बनने जा रही हूं।' सायरा ने एक्टिंग करियर की शुरुआत की, लेकिन तब दिलीप ने उनके साथ काम करने से इनकार कर दिया था। उनका मानना था कि वो बहुत छोटी हैं और उनके साथ किसी किरदार में फिट नहीं बैठेंगे। हालांकि, एक दिन सबकुछ बदल गया।

अपनी ऑटोबायोग्राफी 'दिलीप कुमार: द सबस्टेंस एंड द शैडो' में उन्होंने उल्लेख किया कि सायरा के बारे में उनकी धारणा अचानक एक दिन बदल गई, जब उन्होंने सायरा को अपने घर के बाहर एक खूबसूरत ब्रोकेड साड़ी पहने देखा। उम्र का फासला अब एक्टर के लिए जरूरी नहीं रहा और उन्हें सायरा से प्यार हो गया। उनकी जीवनी के एक भाग में कहा गया है, 'मैं हैरान रह गया, क्योंकि वह अब वह युवा लड़की नहीं थी, जिसके साथ मैं जानबूझकर काम करने से बचता था, क्योंकि मुझे लगता था कि वो मेरी हीरोइन बनने के लिए बहुत छोटी दिखेगी। वह वास्तव में पूरी नारी बन चुकी थी और वास्तव में वह थी , जितना मैंने सोचा था वह उससे कहीं ज्यादा सुंदर थी, मैं बस आगे बढ़ा और उससे हाथ मिलाया और हमारे लिए समय रुक गया।'

सायरा की मां ने मैचमेकर की भूमिका निभाई, फेमस एक्टर 1966 में शादी के बंधन में बंध गए। उस समय सायरा 22 साल की थीं, जबकि दिलीप 44 साल के थे।

सायरा से शादी करने के बाद दिलीप कुमार की जिंदगी प्यार और खुशियों से भर गई थी। लेकिन उन्हें बच्चे पैदा ना करने की चुनौती का सामना करना पड़ा। 1972 में सायरा बानो प्रेग्नेंट हुईं, लेकिन उनका मिसकैरेज हो गया। इस घटना के बाद कपल ने फिर से बच्चों के लिए प्रयास नहीं करने का फैसला किया। सायरा से शादी होते हुए दिलीप ने 1981 में अस्मा रहमान से शादी की। हालांकि, उन्हें जल्द ही इस फैसले पर पछतावा हुआ और उनका रिश्ता 1981 से 1983 तक केवल दो साल तक चला। दिलीप की मुलाकात अस्मा रहमान से हैदराबाद में एक क्रिकेट मैच के दौरान हुई थी, जहां उनकी बहनों फौजिया और सईदा ने उनका परिचय उनसे कराया था।

अपनी आत्मकथा में दिलीप कुमार ने दूसरी शादी को एक 'गंभीर गलती' बताया, जिसे वह और सायरा हमेशा के लिए भूलना चाहते थे। उनकी आत्मकथा का एक हिस्सा कहता है, 'खैर मेरे जीवन का एक किस्सा जिसे मैं भूलना चाहूंगा, जिसने सायरा और मुझे, दोनों को हमेशा के लिए गुमनामी में धकेल दिया, ये एक गंभीर गलती है, जो मैंने असमा रहमान नाम की एक महिला से जुड़ने के दबाव में की थी, जिनसे मेरी मुलाकात हैदराबाद में एक क्रिकेट मैच के दौरान हुई थी।'

सायरा बानो ने कहा था कि कई महिलाएं उनसे शादी करना चाहती थीं, इसके बावजूद उन्होंने हमेशा उन्हें चुना। उन्होंने 1976 में एक्टिंग करियर को छोड़कर हाउसवाइफ बनने का फैसला किया। सायरा जब यंग थीं, तब उन्होंने दिलीप से शादी करने की इच्छा जताई थी और एक बार जब उन्होंने फैसला कर लिया तो कुछ भी उनके मन को नहीं बदल सका। सायरा ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे लिए वह हमेशा साब ही थे, कोई और नहीं। मैं उस समय से ही उनकी फैन थी, जब मैं यंग थी, मैं बहुत जिद्दी थी और एक बार जब मैंने मन बना लिया, तो कोई चीज रोक नहीं पाई। मुझे पता था कि कई खूबसूरत महिलाएं साब से शादी करना चाहती थीं, लेकिन उन्होंने मुझे चुना। यह मेरा सपना सच होने जैसा था और यही मेरी शादी रही। एक परफेक्ट ड्रीम।'


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