गांव के धोबी ने अमजद खान को बना दिया शोले का 'गब्बर', जानिए क्या है पूरा किस्सा
'यहां से पचास-पचास कोस दूर गांव में जब बच्चा रात को रोता है, तो मां कहती है बेटा सो जा नहीं तो गब्बर आ जाएगा...' फिल्म शोले का यह डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर रटा है। शोले में गब्बर सिंह का किरदार निभाकर चर्चा में आए अमजद खान लोगों के दिलो-दिमाग में हमेशा के लिए बस गए। गब्बर का रोल करने के बाद अभिनेता अमजद खान को लोग गब्बर ही कहने लगे थे। 12 नवंबर 1940 को पेशावर में जन्मे अमजद खान के जन्मदिन के मौके पर जानिए उनके जुड़े कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में-यूं तो अमजद खान ने अपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया है, लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी।
लेकिन आप जब ये जानेंगे कि अमजद खान को गब्बर सिंह जैसी डायलॉग डिलीवरी करने की प्रेरणा किससे मिली तो आप हैरान रह जाएंगे। गब्बर सिंह के डायलॉग डिलीवरी का जो अंदाज था, वो न तो फिल्म के डायरेक्टर ने बताया था और ना ही स्क्रिप्ट राइटर ने। अब सवाल ये उठता है कि आखिर अमजद ने ये अंदाज कहां से सीखा।
दरअसल, अमजद खान के गांव में एक धोबी था। जो रोज सुबह- सुबह लोगों से इसी अंदाज में बात करता था। अमजद खान उसके स्टाइल से बहुत प्रभावित थे और बड़े गौर से उसे सुनते थे। जब उन्हें फिल्म शोल में गब्बर सिंह का रोल करने की चुनौती मिली तो उन्हें एक आइडिया सूझा। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में चर्चित विलेन के अंदाज कॉपी करने की बजाय धोबी वाले ठेठ अंदाज को आजमाने की ठान ली। उसके बाद तो रमेश सिप्पी भी अमजद खान की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए।
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