ऋषि कपूर ने 1973 से 2000 तक 92 फिल्मों में रोमांटिक किरदार निभाए।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर अपनी बेहतरीन अदाकारी और लुक्स के लिए जाने जाते हैं। अभिनेता भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपने चाहने वालों के दिलों में वह हमेशा मौजूद हैं। 4 सितंबर 1952 को मुंबई में ऋषि कपूर का जन्म जाने-माने अभिनेता और निर्देशक राज कपूर के घर हुआ था। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और फिर बुलंदियों की सीढ़ियों पर चढ़ते चले गए। आज अभिनेता के जन्म दिवस के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं।
बाल कलाकार के रूप में की शुरुआत
फिल्मी परिवेश में जन्मे ऋषि कपूर तीन साल की उम्र में पहली बार स्क्रीन पर दिखाई दिए थे। वह 1955 में रिलीज हुई फिल्म 'श्री 420' के गाने 'प्यार हुआ इकरार हुआ' में कुछ देर के लिए नजर आए थे। इसके बाद उन्होंने 1973 में बतौर लीड एक्टर 'बॉबी' से अपने करियर की शुरुआत की। फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया था। लेकिन लोगों को लगता था कि राज कपूर ने उन्हें लॉन्च करने के लिए 'बॉबी' बनाई थी। जबकि एक बार ऋषि कपूर ने बताया था कि 'मेरा नाम जोकर' के ऋण को भरने के लिए 'बॉबी' को बनाया गया था।
रोमांटिक हीरो की बनी इमेज
ऋषि कपूर ने 1973 से 2000 तक 92 फिल्मों में रोमांटिक किरदार निभाए। एक रोमांटिक होरी के रूप में उन्हें काफी पसंद किया जाता था। लड़कियां उनके क्यूट लुक्स की दीवानी थीं। उन्होंने 'दामिनी', 'नगीना', 'प्रेम रोग', 'लैला मजनू','कर्ज', 'प्रेम रोग', 'सरगम', 'दो प्रेमी', 'चांदनी' जैसी कई फिल्मों में काम किया था। वहीं, 2000 के बाद उन्होंने सपोर्टिंग रोल निभाने शुरू कर दिए। 'अग्निपथ', 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर', '102 नॉट आउट', 'कपूर एंड संस' में उनके अभिनय ने सबका दिल जीत लिया था।
शादी के दौरान हो गए थे बेहोश
ऋषि कपूर ने नीतू कपूर से शादी की थी, लेकिन वह नीतू नहीं एक पारसी लड़की के प्यार में लट्टू थे। लेकिन साथ काम करते हुए नीतू और ऋषि में बहुत नोंकझोंक होती थी और धीरे-धीरे ये प्यार में बदल गई। 1980 में ऋषि कपूर ने नीतू से शादी कर ली। लेकिन अपनी शादी के दौरान ही दोनों बेहोश हो गए थे। नीतू अपने भारी लहंगे को नहीं संभाल पाईं, तो भीड़ होने की वजह से ऋषि कपूर बेहोश हो गए। दोनों की एक बेटी रिद्धिमा कपूर और बेटा रणबीर कपूर हैं।
स्वेटरमैन कहलाते थे ऋषि कपूर
ऋषि कपूर तरह-तरह के स्वेटर्स के शौकीन थे। उन्हें स्वेटर इस हद तक पसंद थे कि उन्होंने अपनी एक भी फिल्म में अपने स्वेटर को रिपीट नहीं किया था। इस बात की जानकारी एक बार उन्होंने खुद ट्वीट कर दी थी। वहीं, फिल्मों में स्वेटर को स्टाइल स्टेटमेंट की तरह पेश करने की वजह से ही उन्हें स्वेटरमैन कहा जाने लगा था। अभिनेता के इस लुक को फैंस भी इतना पसंद करते थे कि दुकानों में खास स्वेटर और जैकेट की मांग बढ़ जाती थी।
डायरेक्शन में भी आजमाया हाथ
ऋषि कपूर एक बेहतरीन अभिनेता तो थे ही, इसके अलावा उन्होंने डायरेक्शन में भी अपना हाथ आजमाया था। साल 1999 में उन्होंने ऐश्वर्या राय और अक्षय खन्ना के साथ 'आ अब लौट चलें' फिल्म बनाई थी। हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई थी। वहीं, इसी साल अभिनेता की आखिरी फिल्म 'शर्माजी नमकीन' रिलीज हुई थी। इस फिल्म को वह अपने कैंसर के इलाज के चलते पूरा नहीं कर पाए थे, जिसे बाद में परेश रावल के साथ पूरा किया गया था। बता दें कि अभिनेता का 30 अप्रैल 2020 को निधन हो गया था।
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