40 साल की उम्र में अपनी पहचान बनाने वाले अमरीश पुरी ने बाद में पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन

  बॉलीवुड के सबसे बड़े खलनायक, बुलंद हस्ती , बेबाक अंदाज और दमदार आवाज के मालिक अमरीश पुरी ने फिल्मी दुनिया में विलेन के रूप को एक अलग पहचान दी। जिन फिल्मों में अमरीश पुरी ने काम किया उनमें विलेन का एक नया रूप लोगों के सामने आया। मोगैंबो जैसे किरदार हम आज भी नहीं भूल पाएं हैं। आइए आपको बताते हैं अमरीश पुरी की लाइफ से जुड़े रोचक किस्से।  



अमरीश पुरी का जन्म नवांशहर जलंधर, पंजाब की जमीन पर साल 1932 में हुआ था। लेकिन उनकी जीवन और फिल्मी करियर से जुड़ी बहुत सी रोचक कहानियां हैं। 40 साल की उम्र में उन्होंने बॉलीवुड में फिल्म रेशमा और शेरा से डेब्यू किया, जिसके बाद अपने पूरे करियर में उन्होंने लगभग 400 से ज्यादा फिल्में की। अमरीश पुरी ने फिल्मों में हीरो बनने के लिए स्क्रीन टेस्ट दिया था। जिसमें वह पास नहीं हो पाए थे। जिसके बाद उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ लेबर में काम किया। इस दौरान ही अमरीश पुरी ने स्टेज पर एक्टिंग और फिल्मी पर्दे पर विलेन के रुप में काम करना शुुरू किया।


वैसे तो अमरीश पुरी को अभिनेता के रूप में पहचान निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों से मिली, लेकिन लोगों की जुबान पर उनका नाम मौगेंबो का किरदार निभाने के बाद बैठा। बता दें शेखर कपूर ने फिल्म मिस्टर इंडिया में मोगैंबों के किरदार के लिए पहले अभिनेता अनुपम खेर को चुना था।


फिल्म के कुछ सीन शूट भी किए गए, लेकिन अनुपम खेर के पास उस दौरान और भी बड़े प्रोजेक्ट्स थे, जिसके चलते वह उन प्रोजेक्ट्स में बिजी हो गए और बाद में यह रोल अमरीश पुरी को मिला। उन्होंने बतौर विलेन इस किरदार में इस कदर जान डाली की जिसकी वजह से वह बॉलीवुड के सबसे बड़े खलनायक कहलाने लगे।  


अमरीश पुरी ने अपनी एक्टिंग का लोहा देश में ही नहीं विदेशों में भी माना गया। दरअसल, विदेशों में लोग अमरीश पुरी को मोला राम के नाम से जानते थे। उन्होंने साल 1984 में स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्मइंडियाना जोन्स एंड दा टेंपल ऑफ डू में मोला राम का किरदार निभाया था। इतना ही नहीं इस फिल्म में अमरीश पुरी ने अपना सिर भी मुंडवा लिया था, लोगों ने उनके नए लुक को खूब सराहा था। जिसके बाद अमरीश ने अपनी निजी जिंदगी में भी यह लुक काफी समय तक अपनाया। बता दें कि स्पीलबर्ग हमेशा से कहा करते थे कि अमरीश पुरी उनके सबसे पसंदीदा विलेन हैं।  


40 साल की उम्र में अपनी पहचान बनाने वाले अमरीश पुरी ने बाद में पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके बारे में एक और बात कही जाती है कि अमरीश पुरी को टोपियों का बहुत शौक था। वह जहां भी जाते वहां से टोपिया खरीद लाते थे, और उन्हें बहुत चाव से पहनते थे, आज भी उनके घर पर बहुत सारी टोपिया संग्रहित हैं, जिन्हें उसी तरह संभाल कर रखा गया है। जैसे अमरीश खुद उन्हें संभाल कर रखते थे।


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