आमिर खान ने अपने कुत्ते का नाम शाहरुख रख कर आमिर ने विवाद को और बढ़ा दिया।

  शाहरुख़ खान का जन्म 2 नवम्बर 1965 को न्यू-दिल्ली में हुआ। उन्होंने अपने जीवन के पहले पाच साल मँगलोर में बिताये। जहा 1960 में उनके नाना इफ्तियार अहमद एक इंजिनियर थे। और उनके दादा जान मुहम्मद अफगानिस्तान के जातीय पठान थे। खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अभी का पकिस्तान) के स्वतंत्रता सेनानी थे। 2010 तक खान का पैतृक परिवार किस्सा खावानी बाज़ार के शाह वाली क़ताल गली, पेशावर में रहते थे।



         मीर ये खान अब्दुल गफ्फार खान के अनुयायी थे और भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस से जुड़े हुए थे। 1947 में भारत विभाजन से पूर्व ही वे नयी दिल्ली आ गये थे। खान की माता लतीफ़ फातिमा, Shahrukh Khan का पालन पोषण राजेन्द्र नगर में ही हुआ, जो दिल्ली के ही आस-पास स्थित है।

        वहा उनके पिता कई तरह का व्यापार करते थे जिनमे उनका एक रेस्टोरेंट भी शामिल है, उनका परिवार माध्यम-वर्गीय था जो एक किराये के अपार्टमेंट में रहते थे। खान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट कोलंबिया स्कूल (दिल्ली) से पूरी की, जहा वे पढाई के साथ-साथ खेल-कूद में भी अव्वल थे। उन्हें उनके विद्यार्थी जीवन में कई पुरस्कार मिले। उनके युवा दिनों में वे कई नाटको में हिस्सा लेते थे और अलग -अलग भूमिका अदा करते थे।



                                शादी:                                      

        शाहरूख एक ऐसे अभिनेता रहें हैं जिनके प्रशंसक हर उम्र और हर वर्ग के लोग हैं। खासकर, लड़कियां उनकी काफी दीवानी हैं लेकिन बावजूद इसके शाहरूख का किसी के साथ अफेयर या प्रेम संबंध नहीं रहा है। वे अपनी पत्नी के लिए हमेशा से वफादार रहे हैं और अपने परिवार से बेहद प्यार करते हैं। शाहरूख ने गौरी से शादी की है जो हिन्दू-पंजाबी परिवार से आती हैं। उनके 3 बच्चे हैं-आर्यन, सुहाना और अबराम। फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें सबसे अच्छा पिता भी माना जाता है क्योंकि वे अपने बच्चों से बेहद प्यार करते हैं और उनके साथ अच्छा समय भी व्यतीत करते हैं।


करियर :

        शाहरूख के करियर की शुरूआत टेलीविजन से हुई थी। दिल दरिया, फौजी, सर्कस जैसे सीरियल्स से उन्होंने अपनी पहचान बनाईा उनके फिल्मी करियर की शुरूआत फिल्म 'दीवाना' से हुई थी जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था। उस समय यह फिल्म सुपरहिट हुई और इसी फिल्म ने शाहरूख को हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित किया। इसके बाद शाहरूख ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे लगातार सफलता की सीढि़यों पर चढ़ते गए। धीरे धीरे वे आलोचकों के साथ साथ जनता की पसंद बन गए और लड़कियों के बीच तो काफी प्रसिद्ध हो गए।

अभिनय :

        ख़ान ने अभिनय की शिक्षा प्रसिद्द रंगमंच निर्देशक बैरी जॉन से दिल्ली के थियेटर एक्शन ग्रुप में ली| वर्ष 2009 में जॉन ने अपने पुराने शिष्य के बारे में कहा, " The credit for the phenomenally successful development and management of Shah Rukh's career goes to the superstar himself."(अनुवाद - शाह रूख़ के कैरियर की असाधारण सफलता का सारा श्रेय उस ही को जाता है|)

        ख़ान ने अपना कैरियर 1989 में दूरदर्शन के धारावाहिक "फ़ौजी" से प्रारम्भ किया जिसमे उन्होंने कोमान्डो अभिमन्यु राय का किरदार अदा किया| उसके उपरांत उन्होंने और कई धारावाहिकों में अभिनय किया जिनमे प्रमुख था 1989 का "सर्कस", जिसमे सर्कस में काम करने वाले व्यक्तियों के जीवन का वर्णन किया गया था और जो अज़ीज़ मिर्ज़ा द्वारा निर्देशित था| उस ही वर्ष उन्होंने अरुंधति राय द्वारा लिखित अंग्रेज़ी फ़िल्म "इन विच एनी गिव्स इट दोज़ वंस" में एक छोटा किरदार निभाया| यह फ़िल्म दिल्ली विश्वविद्यालय में विद्यार्थी जीवन पर आधारित थी|
अपने माता पिता की मृत्यु के उपरांत १९९१ में ख़ान नई दिल्ली से मुम्बई आ गये| बॉलीवुड में उनका प्रथम अभिनय "दीवाना" फ़िल्म में हुआ जो बॉक्स ऑफिस पर सफल घोषित हुई| इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर की तरफ़ से सर्वश्रेष्ठ प्रथम अभिनय का अवार्ड मिला| उनकी अगली फ़िल्म थी "माया मेमसाब" जो नही चली| १९९३ की हिट फ़िल्म "बाज़ीगर" में एक हत्यारे का किरदार निभाने के लिए उन्हें अपना पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला|

रोचक बातें :

1. लॉस एंजिलेस टाइम्स ने उन्हें दुनिया का सबसे बड़ा मूवी स्टार बताया है। उनके प्रशंसकों की संख्या भारत के साथ साथ विदेशों में भी बहुत ज्यादा है।
2. शाहरूख ख़ान उनके फिल्मी करियर के दौरान तो कई पुरस्कार मिले ही, इसके अलावा भी कई पुरस्कार मिले। वे फिल्मफेयर पुरस्कारों में 30 बार नामांकित हो चुके हैं जिनमें से 14 बार यह पुरस्कार हासिल किया है और इसमें भी 8 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर यह पुरस्कार हासिल किया है। वह दिलीप कुमार के साथ इस श्रेणी में सबसे अधिक 8 पुरस्कार पाने वाले अभिनेता हैं।
3. फ्रांस सरकार ने उन्हें ‘ओरड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस’ और उनके सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन डी ऑनर’ नामक पुरस्कार से भी नवाजा है।
4. शाहरुख़ के घर में हिन्दू-मुस्लिम दोनों धर्मों को बराबर से सम्मान दिया जाता है। उनके बच्चे दोनों धर्मों का पालन करते हैं।


5. शाहरुख़ के द्वारा दोनों हाथों को फैला के किए जाने वाला स्टेप आज एक ‘सिग्नेचर स्टेप’ बन चुका है।
6. शाहरूख ख़ान अपनी फिल्मों के लेकर बहुत मेहनत करते हैं। वे पूरे दिन में मात्र 3 से 4 घंटे की ही नींद लेते हैं और यही कारण है कि इतने लंबे समय से वे शीर्ष पर हैं।
7. भारत के प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक हैं जो कि फोर्ब्स इंडिया की 100 सेलिब्रिटीज की लिस्ट में 2012 और 2013 में शीर्ष स्थान पर रहे हैं।


शाहरुख-गौरी की प्रेम कहानी :

        शाहरुख का पारिवारिक जीवन किसी परीकथा की तरह खुशगवार, लेकिन उतार-चढ़ाव से भरापूरा नजर आता है। एक्टिंग-करियर में शाहरुख को इतनी अनिश्चितता का सामना नहीं करना पड़ा, जितना खानदानी मोर्चे पर। हर परीकथा की शुरुआत त्रासद होती है और अंत खुशनुमा। माँ-बाप का साया असमय उठ जाने से शाहरुख के जीवन में आए खालीपन को पत्नी गौरी ने कुशलतापूर्वक भर दिया।   आज शाहरुख और गौरी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे खुश किस्मत दंपति माने जाते हैं।

        इस परिवार की पूर्णता बेटे आर्यन, अबराम और बेटी सुहाना के रूप में हुई है। सुपर स्टार पति, निष्ठावान पत्नी, पुत्र-पुत्री का जोड़ा इससे सुखद किसी परिवार की रचना और क्या हो सकती है? शाहरुख का दांपत्य जीवन संतुलन और सौभाग्य का संगम है।   रोमांस के मामले में शाहरुख ने अपने पिता की रसिकमिजाजी का अनुसरण किया है। शाहरुख के वालिद मरहूम ताज मोहम्मद ने भी प्रेम विवाह किया था।

        बड़े मियाँ और उनकी संभावित बेगम साहिबा की पहली मुलाकात दिल्ली के  के इंडिया गेट पर हुई थी। मीर साहब वहाँ अपने एक करीबी दोस्त के साथ घूमने आए थे। उसी दौरान एक नाजनीन फातिमा (शाहरुख की माँ) अपनी दो बहनों और अब्बा हुजूर के साथ इंडिया गेट पर पहुँची।  ताज मोहम्मद के दिलोदिमाग पर पहली ही नजर में यह गुलेबकावली छा गई।

सलमान खान ने शाहरुख पर दिया था ये बयान

सलमान खान ने शाहरुख खान से झगड़ा होने के बाद एक बार कहा था, 'एक समय था जब शाहरुख मु्झे सर कह कर बुलाते थे, उस समय वह स्ट्रगल कर रहे थे। वह मेरे भाई की तरह था। मैं शाहरुख को लोगों के दरवाजे पर जाकर काम मांगते देखा है। अब वह पूरी तरह से बदल गया है। अब भगवान ही हमें दोबारा दोस्त बना सकता है जो शायद कभी नहीं होगा।' सलमान खान के इस बयान के बाद शाहरुख खान ने कहा था, 'अगर सलमान मुझसे नाराज हैं तो मेरी ही गलती होगी, मैंने ही कुछ किया होगा।




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